हर प्यारी बात पर 'धत्' कहते हुए, बाँकी अदा से तुम्हारा बार बार शरमाना है याद। हर प्यारी बात पर 'धत्' कहते हुए, बाँकी अदा से तुम्हारा बार बार शरमाना ...
पाया है बुज़ुर्गों ने तज़ुर्बा अभी नया रखने लगे हैं काम वो बस अपने काम से। पाया है बुज़ुर्गों ने तज़ुर्बा अभी नया रखने लगे हैं काम वो बस अपने काम से।
घर याद आता है मुझे, घर याद आता है मुझे,
ज़रा पूछो इस शाम से ये चुप क्यों है। ज़रा पूछो इस शाम से ये चुप क्यों है।
पास आकर बिजलियां जो गिराती वो, बादलों में कुछ बदलियां भेज देती है। पास आकर बिजलियां जो गिराती वो, बादलों में कुछ बदलियां भेज देती है।
बारिश, सर्दी या हो गर्मी का मौसम काट लेते हैं अपने हिसाब से । बारिश, सर्दी या हो गर्मी का मौसम काट लेते हैं अपने हिसाब से ।